संस्कृत श्लोक for ncert CBSE students

 अभिवादनशीलस्य नित्यम वृद्धोंपसेविन: ।

चत्वारि तस्य वर्धनते आयुर्विद्या यशो बलम ।।


अर्थ : जो व्यक्ति आदर पूर्वक व्यवहार और विनम्र है  तथा अपने से बड़ों का सम्मान करता है । रोजाना वृद्धजनों की सेवा करता है तब जो आशीर्वाद उस व्यक्ति को मिलता है उससे उसकी आयु विद्या कीर्ति तथा बल बढ़ता है । 


प्यारे विद्यार्थियों इस श्लोक से हमें बहुत कुछ सीखने को मिलता है इसलिए अपना व्यवहार अच्छा रखो सब से प्यार से बात करो सब से मित्रता रखो और अपने से जितने भी लोग बड़े हैं उनको रोजाना प्रणाम करो उनकी सेवा करो उनकी आज्ञा का पालन करो ऐसा करने पर ही हम समाज में अच्छे व्यक्ति बनते हैं और बहुत तरक्की करते हैं ।

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